बीजेपी सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर पूरी तरह से आश्वाश्त है। उसका दारोमदार एक दलील पर टिका हुआ है कि अजित पवार अब भी एनसीपी विधानमंडल दल के नेता हैं और इस नाते अगर अजित पवार सभी को बीजेपी के पक्ष में वोट देने का व्हिप जारी करते हैं और विधायक अगर विरोध में मत देते हैं तो स्पीकर सभी की सदस्यता खत्म करने का आदेश जारी कर सकते हैं। ऐसे में 288 में 53 विधायक कम हो जाएंगे और बहुमत साबित करने की संख्या 145 की बजाय 118 हो जाएगी। निर्दलियों के साथ बीजेपी ने पहले ही 119 के करीब संख्या का दावा किया है। इसलिए बीजेपी के नेता आशीष शेलार का कहना है कि अजित पवार को विधानमंडल दल का नेता चुना जाना पूरी तरह से वैध है और जबकि उनको हटाकर जयंत पाटिल को नेता बना देना पूरी तरह से गैर कानूनी है।
महाराष्ट्र में तेज़ी से बदलते घटनाक्रम में शरद पवार मुख्य भूमिका में नज़र आ रहे हैं। आज हर नेता उनकी चौखट पर हाज़िरी लगाता दिख रहा है। अब से कुछ देर पहले बीजेपी से राज्यसभा सांसद संजय काकड़े और एनसीपी के नए बने विधायक दल के नेता जयंत पाटिल शरद पवार से मिलने उनके घर पहुंचे। आपको बता दें कि बीजेपी सांसद संजय काकड़े को शरद पवार का भी क़रीबी माना जाता है।
इससे पहले कल महाराष्ट्र में कांग्रेस, NCP और शिवसेना की सरकार बनते-बनते अजित पवार की मदद से बीजेपी की सरकार बन गई. शनिवार सुबह लोग अखबार में कांग्रेस,एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनने के बाद टीवी पर नई सरकार बनने की खबर देख रहे थे लेकिन रातों रात सब कुछ बदल गया। इसके बाद जो खलबली मची तो पहले शिवसेना और एनसीपी के नेता मिले और प्रेस कॉन्फ़्रेंस की, फिर कांग्रेस के नेता मीटिंग करके मीडिया के सामने आए. रात को एनसीपी की मीटिंग हुई जिससे शरद पवार की ताकत साबित हुई और पता चला कि अजित पवार तो अकेले पड़ चुके हैं।