सीबीआई ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनकी तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे हरक सिंह रावत के खिलाफ विधायकों की खरीद-फरोख्त की कथित कोशिश में शामिल होने के लिये मामला दर्ज किया है। हरक सिंह रावत फिलहाल भाजपा नीत उत्तराखंड सरकार में मंत्री हैं।

क्या है मामला: सीबीआई ने 23 मार्च 2016 की एक कथित वीडियो को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। उस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू था। वीडियो में रावत बीजेपी में जाने वाले असंतुष्ट विधायकों के समर्थन को वापस पाने के लिये कथित रूप से पैसे को लेकर चर्चा करते हुए दिख रहे हैं, ताकि वह वापस सत्ता पा सकें।

बीजेपी के मंत्री का नाम भी शामिल: हरीश और हरक सिंह रावत के अलावा प्राथमिकी में स्टिंग ऑपरेशन करने वाले नोएडा स्थित चैनल ”समाचार प्लस” के प्रधान संपादक उमेश शर्मा का नाम भी शामिल है। हरक सिंह रावत पहले हरीश रावत सरकार में मंत्री थे, बाद में वह भाजपा में शामिल हुए और त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार में मंत्री बनाए गए।

सही पाया गया वीडियो: जांच के दौरान वीडियो को विश्लेषण के लिये गुजरात के गांधीनगर की फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया था। जो यह बताता है कि रिकॉर्डिंग “वास्तविक” थी और वीडियो फाइलों में “जोड़ने/हटाने/छेड़छाड़/रूपांतरण का कोई सबूत नहीं मिला है।”

CBI ने दर्ज किया केस: सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिक जांच की एक सीलबंद रिपोर्ट अदालत में पेश की थी जिसपर हाल ही में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले में आगे बढ़ने और रावत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।

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