शिल्पा ठाकुर
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे शहर के शंकरनगर इलाके में रहने वाले संजय राणे बाढ़ के पानी के आगे उस वक्त लाचार हो गए जब उनकी पत्नी नदी में बह गई। घटना बुधवार रात की है। पुणे शहर और इसके आसपास के इलाकों में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। संजय की 40 वर्षीय पत्नी ज्योतसना राणे एक गृहिणी थीं।
वह अम्बिल ओढ़ा नदी के तेज बहाव में आए पानी में बह गईं। यहां भारी बारिश से अब तक 18 लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि बुधवार रात को महज 4 घंटे में ही 100मिमी तक बारिश हुई है। जिससे ना केवल नहरों का जल स्तर बढ़ गया है बल्कि सड़कों और लोगों के घरों में भी पानी भर गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राणे ने बताया, “जब हमारे घर में पानी तेज बहाव के साथ आया तो सभी ने वहां से बाहर निकलने की कोशिश की और ज्योतसना मेरी आंखों के सामने ही बहती चली गई। मैं उसे पकड़ नहीं पाया और ना ही बचा सका। बाद में हमें वहीं पास में उसका शव मिला। ये हमारे परिवार के लिए बड़ा झटका है, खासतौर पर हमारे 10 साल के बेटे के लिए, जो अब कभी अपनी मां को देख नहीं पाएगा।”
पुणे नगर निगम के कमिश्नर सौरभ राव का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों को काफी नुकसान पहुंचा है। टांगेवाला कॉलोनी सहकारनगर में गंगातीर्थ सोसाइटी के पीछे स्थित है। सोसाइटी के पीछे स्थित एक छोटी नदी है और इसके आसपास लगभग 125 झुग्गी-झोपड़ी वाले घर शामिल हैं। रात के समय (बुधवार को) घरों के सामने की तरफ से नदी का पानी आने लगा।
इस इलाके में रहने वाले गोपीनाथ जाधव कहते हैं, “तब अंधेरा था और तेजी से पानी का स्तर बढ़ रहा था, तो सभी लोग टीन की शीट पर चलते हुए एक घर से दूसरे घर की ओर कूद रहे थे। एक जगह थोड़ा गैप था तो हमने बांस से अस्थायी ब्रिज बना दिया और गंगातीर्थ सोसाइटी के पार्किंग स्थान पर कूद गए। यहां से निकलने के दौरान कई लोग घायल हुए हैं।” इस हादसे में जाधव के पैर पर चोट आई है।
एक अन्य निवासी बुजुर्ग महिला यमुनाबाई शिंदे का कहना है, “हमारा घर नदी के पास है और हर बार पानी पहले हमारे ही घर में आता है, तो जैसे ही पानी का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है, हम सभी निवासियों को सतर्क कर देते हैं, लेकिन इस बार पानी का प्रवाह इतना तीव्र था कि हमें बस वहां से भागना पड़ा। हमारे घर में सबकुछ बर्बाद हो गया है। अगर फिर से भारी बारिश होगी तो हम कहां आश्रय लेंगे।”
गौरतलब है कि लगातार हो रही भारी बारिश से पुणे में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। इसमें अभी तक 800 से अधिक जानवरों की भी मौत हो गई है, जिनमें कई मवेशी भी शामिल हैं। दक्षिण पुणे के कई जलमग्न इलाकों में दो हजार से अधिक वाहन पानी में डूबे हुए हैं।