अंजन कुमार चौधरी

नई दिल्ली- अमेरिका से पाकिस्तान लौटते ही इमरान खान ने जम्मू-कश्मीर को लेकर खुलेआम ‘जिहाद’ का ऐलान कर दिया है। उन्होंने इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचते ही अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा है कि कश्मीरी ‘जिहाद’ कर रहे हैं और दुनिया करे या न करे, पाकिस्तान उनकी मदद करेगा। पाकिस्तानी पीएम ने ये भी दावा किया कि कश्मीर के लोग उनसे मदद चाह रहे हैं। इमरान ने कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर से इस्लाम से जोड़ने की कोशिश की है और लोगों को बहकाने के लिए मौलाना के अंदाज में कहा है कि कश्मीर में जिहाद करना अल्लाह की ख्वाहिश है और अगर पाकिस्तानी ऐसा करेंगे तो उससे अल्लाह खुश होगा।

इमरान ने माना- कश्मीर पर दुनिया नहीं दे रही साथ

पाकिस्तानी पीएम इमरान खान नियाजी ने कश्मीर को लेकर खुलकर कह दिया है कि वो कश्मीर में ‘जिहाद’ को समर्थन देंगे। इमरान को लगता है कि अब उनके पास मात्र यही एक विकल्प बचा है, जिससे वो पाकिस्तानी आवाम को झूठे सपने दिखा सकते हैं। क्योंकि, यूएन जनरल असंबेली में उनके झूठ की पोल खुल चुकी है। कश्मीर मुद्दे पर उन्हें कहीं से ज्यादा भाव नहीं मिला है। यह बात वो खुद ही कबूल भी रहे हैं। मसलन उन्होंने कहा है कि ‘चाहे दुनिया कश्मीरियों का साथ दे या न दे, हम उनके साथ खड़े हैं।’ यह उस देश के प्रधानमंत्री की भाषा है, जिसकी अपनी जनता दाने-दाने को मोहताज हो रही है। आतंकवादियों का साथ देने के लिए फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) अक्टूबर में उसे ग्रे लिस्ट से हटाकर ब्लैक लिस्ट में डाल सकता है।

ताकि अल्लाह हमसे खुश रहे…….

इमरान खान नियाजी ने माना है कि उनका इरादा कश्मीर में अशांति फैलाना है। असल में वे ऐसा करके पाकिस्तानी जनता का ध्यान असल समस्याओं से हटाना चाहते हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि ‘ये (कश्मीर में अशांति फैलाना) जिहाद है। हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं, ताकि अल्लाह हमसे खुश रहे।’ उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ये एक संघर्ष है और जब वक्त अच्छा न हो तो धैर्य न खोएं। निराश न हों, क्योंकि कश्मीरी आपकी तरफ देख रहे हैं।’ इमरान ने पाकिस्तानियों से कहा कि ‘अगर पाकिस्तान के लोग उनका साथ देंगे तो कश्मीरियों की जीत होगी।’ गौरतलब है कि शुक्रवार को उन्हें यूएन जनरल असेंबली में बोलने के लिए 15 मिनट मिला था, लेकिन वे सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए करीब 50 मिनट तक कश्मीर को लेकर ही जहर उगलते रह गए थे।

यूएन में परमाणु बम और पाकिस्तान में जिहाद की धमकी

यूएन जनरल असेंबली में इमरान ने कहा था कि कश्मीर में कथित ‘अमानवीय कर्फ्यू’ हटाया जाना चाहिए और सभी ‘राजनीतिक कैदियों’ को रिहा किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने पूरी दुनिया को धमकाया था कि भारत और पाकिस्तान परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और इन दोनों के बीच जंग हुई तो उसकी आग में पूरी दुनिया झुलसेगी। गौरतलब है कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से धारा-370 का प्रावधान हटाए जाने के बाद से भारत सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साफ शब्दों में बता चुका है कि यह उसका अंदरूनी मामला है और कश्मीर में संसद के जरिए जो भी संवैधानिक बदलाव किए गए हैं, उसका मकसद क्षेत्र का विकास करना है, जो कि इस धारा के रहते बहुत मुश्किल था। जबकि, यूएन जनरल असेंबली में इमरान से पहले बोलने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया से जुड़े मुद्दों को ही उठाया था और विश्व को साफ लफ्जों में बताया कि भारत ऐसा देश है, जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिये हैं , जो आज भी विश्व शांति के प्रतीक हैं।

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