विजय

जयपुर। राजस्थान में कोटा सिटी के जेके लॉन-मातृ शिशु अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई। यहां रात को एक गर्भवती महिला और पति अस्पताल आए थे, महिला दर्द से कराह रही थी। इस दौरान उसका पति मदद के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन अस्पताल में मौजूद चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी ने उनकी नहीं सुनी। कोई मदद के लिए गेट तक नहीं आए। अंतत: अस्पताल के गेट पर प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया।

संवाददाता के अनुसार, स्थानीय निवासी राकेश अपनी पत्नी मंजू को प्रसव पीड़ा होने पर गुरुवार शाम रामपुर सैटेलाइट अस्पताल लेकर गया गया था। जहां डॉक्टरों ने मंजू में खून की कमी बताते हुए उसे जेके लॉन मातृ शिशु अस्पताल ले जाने को कहा। एक वाहन में मंजू को लेकर राकेश रात करीब 11:30 बजे उस अस्पताल पहुंचा तो उसे प्रसव पीड़ा तेज होने लगी। मंजू बहुत कमजोर भी हो गई थी। इस दौरान उसके तीन बच्चे भी उसके साथ थे। सभी ने डॉक्टरों को मदद के लिए पुकारा, लेकिन कोई नहीं आया।

राकेश का कहना है कि मदद मांगने मेरा 10 साल का बेटा नर्सिंग स्टाफ को बुलाने के लकए अस्पताल के अंदर भी गया, लेकिन किसी ने गुहार नहीं सुनी। बाद में कुछ ही मिनट में अस्पताल के गेट पर मंजू ने एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची को जन्म देने के बाद राकेश खुद ही अपनी पत्नी को अस्पताल के अंदर लेकर गया। उसके बाद मंजू भर्ती की गई। बहरहाल मां-शिशु दोनों का इलाज चल रहा है।

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