देबाशीष दत्ता
अग्रणी खोजी पत्रकार

वे दिन लद चुके हैं जब भारतीय क्रिकेट अपने स्पिनर्स पर आश्रित रहा करती थी और गेंद की चमक मिटाने के लिए गावस्कर, सोल्कर, आबिद अली सरीखे मध्यम गति की गेंदबाजी किया करते थे। तब हमारे लिए यह कल्पनातीत था कि कभी हम भी पिछली सदी की कैरेबियाई पेस बैटरी जैसी गेंदबाजी अपने खजाने मे रख सकेंगे।

युग बदला तो परिदृश्य भी नया देखने को मिल रहा है। आज हालत यह है कि अगले महीने न्यूजीलैंड दौरे पर जा रही भारतीय टीम टेस्ट मैच मे चार रफ्तार के सौदागरों के साथ यदि उतरे तो आश्चर्य मत कीजिएगा। आज हमारा मुख्य अस्त्र स्पिन नहीं तेज गेंदबाजी है। किवी दौरे के पहले तक अपनी खौफनाक गेंदबाजी से विपक्षी बल्लेबाजों को आतंकित करने में बेजोड़ जसप्रीत बुमराह फिट हो चुके होंगे। उनकी टीम में वापसी तय है।

इशान्त शर्मा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने पिछली घरेलू श्रंखलाओं में क्रमशः दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया है। इसलिए इस पेस त्रिगुट के साथ छेडछाड का प्रश्न ही नहीं पैदा होता। बल्कि दौरा चयनकर्ता तो बुमराह को भी शामिल कर चौगड्डा पेस अटैक उतारना चाहेंगे।

16 सदस्यीय टीम में आफ स्पिनर अश्विन और वाम हस्त स्पिनर रविन्द्र जडेजा भी होंगे। मगर लगता है कि अश्विन अंतिम ग्यारह मे शायद ही स्थान बनाने में कामयाब हो सकेंगे।इधर बल्ले से भी निरंतरता दिखा रहे रविन्द्र जडेजा को बतौर हरफनमौला मौका मिल सकता है।

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