नई दिल्ली। संसद में विपक्ष के विरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक पर विपक्ष के नेताओं ने जमकर सवाल उठाए और हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे की बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं सबसे पहले आपके माध्यम से पूरे सदन को और और देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि बिल संविधान के किसी भी आर्टिकल को आहत नहीं करता। आग्रह है कि अनुच्छेद 11 को पूरा पढ़ें।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “सभी कह रहे हैं कि अनुच्छेद 14 का विरोध हुआ, मैं जो सदन और देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि बिल संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं करता है। ऐसा नहीं है कि पहली बार सरकार नागरिकता के बारे में कानून ला रही है। इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के बारे में कानून लाया था,पाकिस्तान से आए लोगों के लिए क्यों नहीं लाया? यूगांडा से आए लोगों को भी कांग्रेस शासन में नागरिकता दी गयी। इंग्लैंड से आए लोगों को क्यों नही?”
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि समानता का कानून है तो अल्पसंख्यकों को विशेष अधिकार क्यों? जब 1971 में बांग्लादेश से आए सारे लोगों को नागरिकता देने का फैसला हुआ तो फिर पाकिस्तान से आए लोगों को क्यों नहीं दी गई ? जब आर्टिकल 14 ही था तो फिर उस समय उल्लंघन क्यों नहीं हुआ ? कांग्रेस की गलती सुधारने के लिए हम यह बिल लेकर आए हैं ।
बिल पेश करने को लेकर हुए मतदान मे पक्ष मे 293 और विपक्ष मे 82 मत पडे।