नई दिल्ली । भारत ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर परमाणु हमले की जो धमकी दी, भारत ने प्रतिक्रिया में तुरंत जवाब दिया और कहा कि पाक पीएम इमरान खान ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामले पर अवांछनीय टिप्पणी करते हुए अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे के तहत झूठा प्रचार किया है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, पूरी दुनिया को अब यह साफ हो जाना चाहिए कि इमरान खान वैश्विक मंचों का दुरुपयोग करने के आदी हो चुके हैं। पाकिस्तान के पड़ोसी देशों का यह दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव रहा है कि उसके कदमों की वजह से वे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। पिछले 72 सालों से इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित तरीके से उत्पीड़न किया जिसकी वजह से वे भारत भागने को मजबूर हुए।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेनेवा में ग्लोबल रेफ्यूजी फोरम से एक बार फिर परमाणु युद्ध की धमकी दी। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भारत के नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर मुद्दे को लेकर कहा कि इससे दक्षिण एशिया में ना केवल शरणार्थियों की समस्या पैदा हो जाएगी बल्कि ये परमाणु संपन्न शक्ति देशों के बीच संघर्ष को भी जन्म दे सकता है।
इसके जवाब में रवीश कुमार ने कहा, इमरान खान चाहते हैं कि दुनिया यह भूल जाए कि उनकी आर्मी ने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बांग्लादेश) के लोगों के साथ क्या किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा करने की भी सलाह दी।
इमरान खान ने कहा, हमें पाकिस्तान में बस यही चिंता हो रही है कि भारत के फैसलों से शरणार्थियों की समस्या पैदा हो जाएगी और इसकी परिणति दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच संघर्ष के रूप में हो सकती है। इमरान ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीर की मुस्लिम बहुल जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू और नए नागरिकता कानून की वजह से लाखों मुस्लिम भारत से भाग सकते हैं जिससे रिफ्यूजी संकट पैदा हो सकता है। इस शरणार्थी संकट के सामने बाकी समस्याएं बौनी हो जाएंगी।
उन्होंने कहा, “भारत के मुसलमानों को नागरिकता से वंचित करने के लिए यह कानून बनाया गया है। भारतीय मुसलमानों के अधिकार छीने जा रहे हैं। इस कानून के खिलाफ भारत में दंगे हो रहे हैं और लोग सड़कों पर हैं।”
उन्होंने कहा, “दुनिया जान ले कि भारत में शरणार्थियों का एक बहुत बड़ा संकट जन्म ले रहा है. कश्मीर में अस्सी लाख लोग पहरे में हैं. वहां बहुसंख्यक मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बनाने की कोशिश की जा रही है. अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो दो एटमी ताकतों में टकराव हो सकता है।.”
उन्होंने कहा कि बेसहारा शरणार्थियों की समस्या से गरीब मुल्क नहीं निपट सकते. ऐसे हालात बनाने होंगे कि लोग शरणार्थी बनने पर मजबूर न हो। उन्होंने कहा कि अपनी तमाम मुश्किलों के बावजूद पाकिस्तान तीस लाख अफगान शरणार्थियों की मेजबानी कर रहा है।