राजघाट पर मुख्य कार्यक्रम : राज्यपाल के साथ मुख्यमंत्री भी रहेंगे मौजूद

गंगा की लहरों पर प्रबल आकर्षण होगा लेजर शो

हंसराज हंस और भजन सोपोरी की मोहक प्रस्तुतियां

गंगा तट पर मंगलवार शाम काशी में देवलोक की निराली, अद्भुत, अलौकिक छटा दिखाई देगी। देव दीपावली महोत्सव के लिए शहर सज धज कर तैयार है। विश्वप्रसिद्ध दीपोत्सव को देखने देश और दुनिया से लाखों सैलानी पहुंच रहे हैं ।

राजघाट पर मुख्य आयोजन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे।

गंगा की लहरों पर लेजर शो विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। लेजर शो में शिव की जटा से गंगा निकलने और राम के राज्याभिषेक की प्रतिकृति दिखाई जाएगी। काशी के अर्धचंद्राकार 84 घाटों पर 11 लाख दीपक जलाने की तैयारी है।

आठ किलोमीटर लंबे गंगा घाटों के साथ गंगा पार रेती पर भी दीप जलाए जाएंगे। काशी के घाटों पर केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को भी दीपों से उकेरा जाएगा। 16 घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राजघाट पर पंजाबी गायक और सांसद हंसराज हंस और संतूरवादक भजन सोपोरी प्रस्तुति देंगे।

विभिन्न संस्थाओं ने अपनी अपनी थीम पर सजावट को अंतिम रुप दे दिया है। काशी में लाखों लोगों की मौजूदगी के चलते पुरानी काशी के आधे से ज्यादा इलाकों को नो व्हीकल जोन घोषित किया जाएगा। यानी यहां वाहन नहीं चलेंगे। इसके अलावा वाहन पार्किंग के लिए भी स्थान चिह्नित कर लिया गया है।

पर्यटन विभाग की उदासीनता से नहीं दिख रहा उत्साह

गंगा महोत्सव को भव्य बनाने की सारी प्रशासनिक कवायद परवान नहीं चढ़ पा रही है। व्यापक प्रचार-प्रसार और पर्यटन विभाग की उदासीनता के कारण जनता का जुड़ाव इससे नहीं हो पा रहा है। कार्यक्रम स्थल को राजेंद्र प्रसाद घाट से राजघाट स्थानांतरित किए जाने से भी आम जनता का जुड़ाव नहीं हो पा रहा है।

पर्यटन विभाग खुद की बजाय संगठनों के भरोसे

सुरसरि के तट पर सजने वाली देव दीपावली की भव्यता के मुरीद देश ही नहीं विदेश में भी हैं। शासन की ओर से हर बार आयोजन को भव्य से भव्यतम बनाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। बावजूद इसके पर्यटन विभाग अस्सी से लेकर राजघाट तक सजने वाली दीप शृंखलाओं के महोत्सव की भव्यता के लिए संगठनों पर ही पूरी तरह से आश्रित है।

अस्सी पर सुबहे बनारस, तुलसी घाट पर अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास, जैन घाट पर स्यादवाद महाविद्यालय, पंचगंगा घाट पर केंद्रीय देव दीपावली समिति, दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि और गंगोत्री सेवा समिति, ललिता घाट पर अन्नपूर्णा मठ मंदिर समेत विभिन्न संगठनों की ओर से आयोजन किए जाते हैं।

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