देखिए आख खोलने वाला सच
विशेष संवाददाता
वीडियो मे इसी जेएनयू में पढें पुराने छात्र ने खुल कर बताया कि यह विश्वविद्यालय देश द्रोही मानसिकता वाले लोगों का अड्डा है। क्या नहीं होता वहाँ ? चरस, गाजा ही नही वहां आपको हथियारों का भी जखीरा मिलेगा।
यह सब आज से नहीं न जाने कब से हो रहा है। मैने ये सब 1993 मे यहाँ पढाई के दौरान देखा था। इनका विरोध भी होता था। लेकिन ये सब बाहर नहीं आता था। आज सरकार बदल गयी है तो अब खुल कर चर्चा होने लगी है।
यहाँ पढाने वाले भी वही हैं जो इस जगह दीक्षित हुए है। पीएचडी या एमफिल मे उसी का एडमिशन होता है जो आइसा और दो अन्य वामपंथी छात्र संगठनों से जुडे होते हैं।
इस छात्र ने दावा किया कि इन देश विरोधी तत्वों के कम से कम जेएनयू मे 30 गुरुजन समर्थक हैं।
उसने कन्हैया कुमार को झूठा करार देते हुए लावा किया कि देखिएगा एक दिन यही कन्हैया कुमार यहाँ का प्रोफेसर होगा।
नेशन-टुडे डाट काम वेबसाइट की मांग है कि फीस व अन्य मदों मे शुल्क वृद्धि को लेकर जो ये प्रदर्शन कर रहे हैं, सरकार को इनकी मांग के आगे झुकने की जरूरत नहीं है।
हमारी माँग यह भी है कि सरकार या तो जो शुल्क यहाँ लिया जाता है वही देश के अन्य विश्वविद्यालयों मे भी लागू करे अथवा जो शुल्क और सभी विश्वविद्यालयों में है वही जेएनयू का भी कर दिया जाय।
देश का पैसा जेएनयू के देशद्रोही छात्रों पर बरबाद करना गलत है।