संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने पर शुक्रवार (13 दिसंबर) को कुछ हल्के फुल्के क्षण भी देखने को मिले और इसके केन्द्र में थे स्वयं प्रधानमंत्री मोदी। बात दरअसल राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के संसद स्थित चैंबर की है। नायडू विभिन्न दलों के 20 से ज्यादा नेताओं के साथ मौजूद थे। उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहीं मौजूद थे। नायडू ने इस बीच पीएम से एक आदिवासी महिला सांसद की मुलाकात करवाई, जिन्होंने 67 साल के संसदीय इतिहास में पहली बार संथाली में अपना संबोधन दिया था। इस सांसद का नाम सरोजिनी हेम्ब्रम है। दरअसल, उसी वक्त हेम्ब्रम सभापति के चैम्बर में दाखिल हुई थीं।

एक अंग्रेज़ी दैैनिक मुताबिक, नायडू ने उसी वक्त उनकी मुलाकात पीएम मोदी से करवाई। तभी पीएम अभिभादन के बाद अचानक मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म ‘मृगया’ की शूटिंग की कहानी सुनाने लगे। 1976 में आई इस फिल्म की शूटिंग से जुड़े वाकये के बारे में पीएम ने बताया कि जब फिल्म के अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने अंगूठे की सहायता से तीर धनुष चलाना चाहा तब वहां मौजूद आदिवासी समुदाय ने इसका विरोध कर दिया था।

पीएम ने बताया कि मिथुन के शूटिंग सीन को देख आदिवासी समुदाय भड़क गया और वहां एकजुट हो गया। उस वक्त आदिवासी समुदाय के लोगों ने मिथुन चक्रवर्ती को एकलव्य की कहानी बताई, जिसमें एकलव्य ने गुरू द्रोणाचार्य के कहने पर अपना अंगूठा काटकर उन्हें दान कर दिया था। आदिवासियों ने कहा कि अंगूठे का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, तब मिथुन को बिना अंगूठा लगाए तीर-धनुष चलाने की प्रैक्टिस करनी पड़ी थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here