अनिता चौधरी

राजनीतिक संपादक

अगला सप्ताह होगा अहम

नई दिल्ली । दीवाली की छुट्टी के बर्फ सुप्रीम कोर्ट चार नवंबर को दोबारा खुला है । लेकिन सुप्रीम कोर्ट में 11 और 12 नवंबर को भी छुट्टी होगी । इस तरह CJI गोगोई के पास सिर्फ आठ कामकाजी दिन बचेंगे ।

आइए नज़र डालते हैं उन पांच बड़े मामलों पर जिन पर CJI गोगोई का अहम फैसला आने वाला है ।

1.अयोध्या मामला
CJI गोगोई के रिटायरमेंट से पहले जिन मामलों पर फैसला आना है, उनमें सबसे अहम फैसला है अयोध्या का रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद । इस फैसले पर पूरे देश ही नहीं दुनिया की भी निगाहें टिकी हैं । राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक तौर पर प्रभावित करने वाले इस फैसले पर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी अपनी रणनीति तैयार करने के लिए बंद कमरों में चर्चा भी शुरू कर दी है । सरकार सुरक्षा के चाक चौबंद को लेकर लगातार बैठक कर रही है और इस बेहद संवेदनशील मामले में फैसले को लेकर प्रशासन बिल्कुल सजग है । पूरी अयोध्या में अभी से ही 144 लागू कर दिया गया है और अयोध्या के बॉर्डर सील कर दिए गए हैं । इस मामले पर चीफ जस्टिस गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान बेंच फैसला सुनाएगी। इस बेंच में गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता के जरिए समाधान खोजने की कोशिश नाकाम रहने के बाद संविधान बेंच ने छह अगस्त से रोजाना सुनवाई की थी। यह सुनवाई 16 अक्टूबर तक चली। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साल 2010 में अयोध्या मामले की विवादित 2.77 एकड़ जमीन को तीन पक्षकारों ,सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दायर हुईं।

राफेल मामला

10 मई को गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि दिसंबर के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने पुनर्विचार याचिकाएं दायर की थीं। राजनीतिक तौर पर ये मामला भी काफी अहम है जिस पर विपक्ष की खास कर काँग्रेस की निगाहें टिकी हैं 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस द्वारा उठाये गये राफेल मुद्दे ने खूब जोर पकड़ा था ।

‘चौकीदार चोर है’ बयान

मामला कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के हवाले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ वाला बयान देने के लिए राहुल पर आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है। CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच मीनाक्षी लेखी की याचिका पर भी चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट से पहले फैसला सुनाएगी।

सबरीमाला मामला

गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच केरल के सबरीमाला मंदिर मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिका पर फैसला सुनाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 को अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति का आदेश दिया था।जिसके बाद हिंदुत्व से लबरेज ये मुद्दा काफी गरम हो गया था । काफी प्रदर्शन भी हुए थे और सामाजिक और धार्मिक रूप से अहम इस मामले पर राजनीतिक दाँव पेच काफी देखने को मिला था । गौर तलब है कि इस आदेश से रजस्वला महिलाओं पर प्रवेश प्रतिबंधित की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा टूट गयी थी।

CJI कार्यालय को भी RTI के तहत लाने का मामला

गत चार अप्रैल को जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था । CJI का कार्यालय सूचना के अधिकार यानी RTI के अंदर आना चाहिये इसको लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी । चीफ जस्टिस का कार्यालय RTI के अंदर आएगा या नहीं इसी पर फैसला आना है । दरअसल इस मामले पर जनवरी 2010 में दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि CJI का कार्यालय सूचना का अधिकार कानून के दायरे में आता है। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उसके सेक्रेटरी जनरल और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने तीन अपील दायर की थीं।

Advertisement

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here