आपसी रंजिश की थ्योरी फना हो गयी न डीजी साहब ?
विशेष संवाददाता
लखनऊ। “यह आपसी रंजिश का आपराधिक मामला है”, ताज्जुब होता है कि प्रदेश की पुलिस का मुखिया इस तरह के बचकाने और गैरजिम्मेदार बयान कैसे दे सकता है ? चंद घंटों मे ही डीजी ओपी सिंह की थ्योरी फना हो गयी और उन्हें कहना पड़ा कि हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की हत्या उनके 2015 मे पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते आतंकियो ने की है।
यही नहीं कथित हत्यारो को लेकर
इस चर्चित हत्याकांड मे लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। अब यूपी पुलिस ने दावा किया है कि हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के हत्यारे गूगल मैप की मदद से उनके घर तक पहुंचे थे। इसके अलावा पुलिस ने यह भी कहा है कि तिवारी का मर्डर करने वाले ट्रेन से लखनऊ
आए थे। साथ ही पुलिसषने यह दावा भी किया कि वारदात के एक दिन पहले रात करीब साढ़े 12 बजे कमलेश को कानपुर के एक टैक्सी चालक के फोन से कॉल की गई थी। तब तिवारी ने देर रात होने के चलते अगले दिन फोन करने के लिए कहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमलेश तिवारी के हत्यारो ने गूगल मैप की मदद से उनके बारे में जानकारी जुटाई थी। पुलिस के मुताबिक चारबाग रेलवे स्टेशन से कमलेश के घर का पता पूछते हुए दोनों हत्यारे गणेशगंज पहुंचे थे। दोनों हत्यारों की लोकेशन हरदोई से मुरादाबाद होते हुए गाजियाबाद में मिली है। दावा किया जा रहा है कि हत्यारे गूगल मैप की मदद से कमलेश तिवारी की लोकेशन तलाश कर खुर्शेदबाग पहुंचे थे। पुलिस ने ये भी दावा किया है कि वारदात के एक दिन पहले रात करीब साढ़े 12 बजे कमलेश को कॉल की गई थी। पड़ताल करने पर पता चला है कि ये मोबाइल कानपुर देहात के टैक्सी चालक का है।
सीसीटीवी में दिखी संदिग्ध महिला
आपको बता दें कि सीसीटीवी कैमरे में जो संदिग्ध महिला दिखाई दी थी उसी के आधार पर उसे हिरासत में लिया गया है। सीसीटीवी में दो संदिग्धों के साथ एक महिला भी दिखाई दी थी, जिससे आईजी, एसएसपी और डीजीपी ने शनिवार देर रात एडीजी के कार्यालय में पूछताछ की है, हालांकि डीजीपी ओपी सिंह ने इसके अलावा उस संदिग्ध महिला के बारे में और कुछ नहीं बताया। सूत्रों के मुताबिक महिला का उन दोनो हत्यारो से कोई संबंध नहीं है।
बेटे ने एनआईए से जांच कराने की मांग की
कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम ने पिता की हत्या की जांच एनआईए से कराने की माँग की है। बेटे ने कहा कि उन्हें किसी पर भी भरोसा नहीं है। आप ही
बताइए कि एक सुरक्षाकर्मी के रहते भी उनकी हत्या हो गई, ऐसे में प्रशासन पर कैसे भरोसा किया जा सकता है ?
प्रदेश सरकार को त्वरित और निष्पक्ष जांच को लेकर एनआईए को यह केस बेहिचक अविलम्ब सौप देना चाहिए।