विशेष संवाददाता 

वाराणसी में नए-नए उभरते सपा के एक युवा नेता जी ने प्रेस रिलीज जारी करके मीडिया को सूचित किया कि हेलमेट पहनकर सपाइयों ने परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा बढ़ाये गए चालान शुल्क का बुद्धि-शुद्धि यज्ञ कर विरोध प्रकट किया। जबकि फोटो में एक भी नवांकुर सपाई हेलमेट पहने नहीं दिख रहा। शायद राजनीति के चस्के वाले इन नेता जी को विज्ञप्ति बनाते समय ये बातें नहीं याद आई। फिलहाल नेता जी शहर में हंसी का पात्र बने हुए हैं…

सपा नेता की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति


सपाई नेताओं को हो क्या गया है, यह समझ से परे है। वे गडकरी जी को कोसते हुए बुद्धि- शुद्धी यज्ञ के नाम पर आडम्बर कर रहे हैं मगर नेताजी ऐसा प्रपंच करने के चक्कर में कदाचित भूल चुके हैं या फिर अनपढ़ हैं। जिन्हे इसकी जानकारी नहीं है कि यातायात संशोधन अधिनियम गडकरी या उनके पिताजी का नहीं है बल्कि यह संसद मे बहुमत से पारित किया गया कानून है और जिसे सपा का भी समर्थन हासिल था। ऐसी कड़ाई यदि आजादी मिलने के बाद ही की गयी होती तो देशवासी आज की तरह अराजक और अनुशानहीन न रहे होते। सरकार की भूमिका दरअसल माँ जैसी होनी चाहिए थी जो बच्चे को प्यार से, पुचकार से , डाँट से,फटकार से और न माने तो संस्कार (पिटाई ) से अच्छा नागरिक बनाए। 


दुर्भाग्य से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। इन अक्ल के अंधो  को शायद हर दिन बिना हेलमेट बाइक दुर्घटना से हो रही मौतें नजर नहीं  आ रही हैं।  दारू पीकर वाहन चलाना क्या गंभीर अपराध नहीं?  क्या बिना लाइसेंस वाहन चालक पर जुर्माना और जेल की सजा न हो ? क्या सडक पर बेतरतीब वाहन खड़ा कर अतिक्रमण की छूट जारी रखी जाय ? सपा सहित जो भी पार्टियाँ नये ट्रैफिक कानून का विरोध कर रही हैं जरा अपने गिरेबान मे झाक कर देख लें कि जो आजादी के बाद से चलता आ रहा है, क्या उसे चलते देना चाहिए या अनुशासित हो आम जन ? पूछ रहे हैं नगर के विचारशील नागरिक ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here