वाराणसी के पराड़कर भवन मे शुक्रवार की शाम आयोजित विश्व हिन्दू परिषद के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि देश के तमाम होटलों और रेस्तराँ मे 25 दिसम्बर को क्रिसमस पर्व तो भव्य सजावट के साथ धूमधाम से मनाया जाता है । लेकिन उनको सिर्फ ईसा मसीह का जन्मदिन ही याद रहता है, राजराजेश्वर षोडस कलावतार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म दिन यानी जन्माष्टमी याद नही रहती जबकि देश दो दिनों तक हर्षोल्लास और पूरी शिद्दत के साथ उनको व्रत रख कर याद करता है। सचमुच यह कैसी विडम्बना और कैसा विरोधाभास है कि भगवान कृष्ण की अपने ही देश मे ये होटल और रेस्तराँ घोर उपेक्षा करते है जो हर सनातनधर्मी को सालता है।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विहिप के वाराणसी महानगर अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने कहा कि 1964 में वीएचपी की स्थापना हुई थी। उन्होंने कहा कि वीएचपी की स्थापना का कारण था देश में सनातन धर्म की स्थापना और राम मंदिर निर्माण। इस लक्ष्य तक पहुंचे बिना हम अपने कर्त्तव्य से पीछे हटने वाले नहीं हैं। कन्हैया जी ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर कारसेवकों ने अस्थायी तौर पर ही सही मंदिर तो बना ही दिया है, बस उस स्थान को भव्यता देना शेष है।
मुख्य अतिथि जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा वीएचपी का आदर्श वाक्य है ‘धर्मों रक्षित रक्षित:’ यानी जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है।
विशिष्ट अतिथि विहिप के धर्म प्रसार प्रमुख दिवाकर जी ने कहा भव्य राममंदिर की प्रतीक्षा हिन्दू समाज लगातार अपनी आहुति देकर करता आ रहा है। आज श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला को टेंट में देखकर हम सभी को पीड़ा हो रही है। समाज अपने संघर्षों को सदैव स्मरण करेगा और इस महा आंदोलन को तुष्टिकरण की भेंट भी नहीं चढ़ने दिया जाएगा।
बजरंगदल के संयोजक निखिल त्रिपाठी ‘रुद्र’ ने कहा आज सर्वोच्च न्यायालय में नियमित सुनवाई हो रही है। साक्ष्य श्रीराम लला के पक्ष में हैं। मंदिर निर्माण होकर रहेगा। विगत दिनों केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को दफन कर पीड़ित और विस्थापित कश्मीरी पंडितों के घाव में जहां ‘मलहम’ लगायी वहीं भारत की एकता अंखडता का सम्मान भी विश्व में बढ़ाया।
संगोष्ठी शुरू होने से पूर्व अतिथियों ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम व विहिप संस्थापक अशोक सिंघल के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया। कार्यक्रम का संचालन विहिप मंत्री राजन तिवारी व अध्यक्षता आंनद सिंह ने किया। इस दौरान विहिप के सत्येन्द्र सिंह, दिव्यांशु जी, राजन तिवारी, रचना अग्रवाल, विजय शंकर रस्तोगी, धर्मवीर सिंह सहित काफी लोग मौजूद रहे।