डार्क पैटर्न में डिज़ाइन और पसंद आर्किटेक्चर/बनावट का उपयोग कर उपभोक्ताओं को धोखा देने, मजबूर करने या ऐसे विकल्प चुनने के लिए प्रभावित करना, जो उनके सर्वोत्तम हित में नहीं हैं, शामिल है। डार्क पैटर्न में ड्रिप मूल्य निर्धारण, प्रच्छन्न विज्ञापन, प्रलोभन युक्ति (बेट एंड स्विच), झूठी तात्कालिकता आदि जैसे हेरफेर प्रथाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
ऐसी प्रथाएं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत परिभाषित “अनुचित व्यापार प्रथाओं” की श्रेणी में आती हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सूचीबद्ध किए हुए 13 निर्दिष्ट डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए 30 नवंबर, 2023 को “डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन दिशानिर्देश, 2023” जारी किए।
उपभोक्ताओं को ई-कॉमर्स में अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाने के लिए, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 को भी अधिसूचित किया है। ये नियम अन्य बातों के साथ-साथ ई-कॉमर्स संस्थाओं की जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हैं और ग्राहक शिकायत निवारण के प्रावधानों सहित मार्केटप्लेस और इन्वेंट्री ई-कॉमर्स संस्थाओं की देनदारियों को निर्दिष्ट करते हैं।
उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने 9 जून, 2022 को भ्रामक विज्ञापनों और भ्रामक विज्ञापनों के समर्थन की रोकथाम दिशानिर्देश, 2022 को अधिसूचित किया है। ये दिशानिर्देश अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रदान करते हैं; (ए) किसी विज्ञापन के गैर-भ्रामक और वैध होने की शर्तें; (बी) प्रलोभन वाले विज्ञापनों और मुफ्त दावे वाले विज्ञापनों के संबंध में कुछ शर्तें; और (सी) निर्माता, सेवा प्रदाता, विज्ञापनदाता और विज्ञापन एजेंसी के कर्तव्य।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ई-कॉमर्स में नकली और भ्रामक समीक्षाओं से उपभोक्ता हितों की सुरक्षा और बचाए के लिए 23.11.2022 को ‘ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षाएं – उनके संग्रह, मॉडरेशन और प्रकाशन के लिए सिद्धांत और आवश्यकताएं’ पर रूपरेखा अधिसूचित की है। मानक स्वैच्छिक हैं और हर उस ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर लागू होते हैं जो उपभोक्ता समीक्षाएँ प्रकाशित करता है। अखंडता, सटीकता, गोपनीयता, सुरक्षा, पारदर्शिता, पहुंच और जवाबदेही मानक के मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।
यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में प्रदान की।