सीईओ साहब भगवान से डरिए, इनकी आह मत लीजिए
विशेष प्रतिनिधि
काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण और ध्वस्तीकरण के लिए ढुंढीराज गणेश गली का रास्ता बंद करने पर गुरुवार को दुकानदार आक्रोश से भर उठे।
व्यापारियों ने रेड जोन परिसर सहित येलो जोन क्षेत्र की दुकानों को बंद करने के बाद धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। व्यापारियों ने विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह पर मनमानी का आरोप लगाया। दुकानदारों ने आरोप लगाया कि सीईओ ने आश्वासन दिया था कि 36 दुकानदारों को जब तक कही अन्यत्र स्थानांतरित नही किया जाता तब तक क्षेत्र में ध्वस्तीकरण का कार्य नहीं होगा। इसके बावजूद मंदिर प्रशासन मनमानी रवैये पर उतर आया और एक नंबर गेट को बन्द कर दिया। दुकानदारों ने कई मांगें रखते हुए कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती धरना चलता रहेगा।
विश्वनाथ गली व्यापार मंडल के अध्यक्ष महेश चंद्र मिश्रा का कहना है कि विश्वनाथ धाम के निर्माण से हमे कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन दुर्भाग्य से घोषणाओं के बाद भी धाम का नक्शा सार्वजानिक नही किया गया। हमारी मांग है कि ढुंढीराज गणेश से सरस्वती फाटक के बीच खरीदे गए भवनों के दुकानदारों को पहले अन्यत्र बसाया जाए फिर भवनों को ध्वस्त किया जाए। ध्वस्त करने का कार्य मन्दिर प्रशासन रात में करे और दिन में रास्ता खोला रखा रहे। जिससे व्यापारियों के जीवन यापन पर कोई असर न पड़े और रेड जोन परिसर में पड़ने वाले ऐतिहासिक भवनों, देवालयों, अक्षयवट, हनुमान मंदिर, शनिदेव मंदिर, कैलाश मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर का भक्त निरन्तर दर्शन कर सकें। जब तक यह मांगें पूरी नहीं होती धरना चलता रहेगा।
प्रशासन पर विश्वास नहीं रहा
व्यापार मंडल के महामंत्री सोना लाल सेठ का कहना है कि मुख्य कार्यपालक अधिकारी से कुछ दिन पहले वार्ता की गई थी कि रेड जोन के दुकानदारों का जब तक कही अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। तब तक क्षेत्र में ध्वस्तीकरण का कार्य नहीं किया जायेगा। उस पर सीईओ ने सहमति जताई थी। इसके बाद भी मंदिर प्रशासन अपने मनमानी रवैये पर उतर आया और गेट न.1 को बन्द कर दिया गया। खबर लिखे जाने तक मन्दिर मजिस्ट्रेट से व्यापारियों की वार्ता जारी थी। इस दौरान मुख्य रूप से नवीन गिरी सोनालाल सेठ, राजरतन पटेल, कमल सेठ, भानु मिश्रा, मनोज साव, मुकेश बैरागी, राजकुमार सिंह, चंदन झा, सैलू साव, वीरेंद्र सेठ, गुंजन जायसवाल, भूपेंद्र शर्मा आदि व्यापारी धरने पर बैठे हैं।
इस मामले में काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विशाल सिंह से भी उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सकी। क्षेत्र के लोगों का विश्वास खो उठे इस कार्यपालक अधिकारी ने न तो फोन उठाया और न ही स्पष्टीकरण देने की कोशिश की। अरे भाई ! भगवान से डरो, इनकी आह मत लो। इनका दर्द इमानदारी से समझ कर उसे दूर करो।