सात वार में नौ त्यौहार मनाने वाली काशी में हर त्यौहार का एक अलग ही रंग होता हैं यहां कोई भी त्यौहार हो काशी की जनता उसे पुरे उत्साह के साथ मनाती हैं। शिव की नगरी काशी में देवी आराधना के पर्व नवरात्र में दुर्गापूजा की धूम है। 

शारदीय नवरात्र की महाषष्ठी पर शुक्रवार को काशी के लगभग सभी पूजा पंडालों में मां दुर्गा की मूर्तियां पहुंच गईं। कुछ पंडालों में पट खोल भी दिये गए। अन्य सभी में सप्तमी पर शनिवार की भोर में पट खोल दिये जाएंगे। शुक्रवार को बहुत से पूजा पंडालों में देवी के बोधन, आमंत्रण, अधिवास की प्रक्रिया पूरी की गई। खासतौर से बंगीय पूजा पंडालों में सायंकाल मुहूर्त के अनुसार पूजा के विधान पूर्ण किए गए। इसी के साथ पूजा पंडालों में ढाक की अनुगूंज के साथ देवी के आगमन का उत्सव आरंभ हो गया। महाषष्ठी पूजन के दौरान मंत्रोच्चार के बीच देवी को वस्त्र और आभूषण धारण कराए गए। कुछ बंगीय पूजा पंडालों में मां को सोने के गहने धारण कराए गए हैं। इसी क्रम में देवी की दसों भुजाओं को अस्त्रों और शस्त्रों से सुशोभित किया गया।

भारत सेवाश्रम संघ के संन्यासी देशभर से जुटे भक्तों के हुजूम के साथ विशाल शोभायात्रा निकाल कर देवीकी प्रतिमा सिगरा स्थित संघ परिसर तक लेकर आए। वहीं लक्सा स्थित सिंधी धर्मशाला में अकाल बोधन समिति की ओर से देवी की प्रतिमा कंधे पर उठा कर पूजा पंडाल तक लाई गई। गिरजाघर स्थित पांडेय धर्मशाला में यंग ब्वायज क्लब के पूजा पंडाल में चंडी पाठ का आयोजन किया गया।

भेलूपुर क्षेत्र में जिम स्पोर्टिंग क्लब, शारदोत्सव संघ, वाराणसी दुर्गोत्सव सम्मिलनी, कालीबाड़ी दुर्गा पूजनोत्सव समिति, काशी दुर्गोत्सव सम्मिलनी, मूनलाइनट क्लब, जंगमबाड़ी स्थित ईगल क्लब, सुड़िया स्थित एसबी. दुर्गोत्सव समिति, टाउनहाल स्थित  सार्वजनिक दुगोत्सव समिति, मछोदरी स्थित बाबा मछोदरानाथ पूजा समिति, गायघाट स्थित शारदा विद्यामंदिर में श्रीदुर्गा पूजनोत्सव समिति के पंडालों में महाषष्ठी का पूजन विधान पूर्वक सम्पन्न हुआ। इसी के साथ  दुर्गा पूजा पंडालों में सांस्कृतिक गतिविधियां भी आरंभ हो गईं। पूजा पंडालों में गायन वादन और नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए गए। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here