नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित और पाकिस्तान शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के जम्मू-कश्मीर पर किए गए ताज़ा ट्वीट्स पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। यूसुफजई के ट्वीट पर पलटवार करते हुए बीजेपी सांसद ने नसीहत देते हुए कहा कि वो कश्मीर के बारे में सोचने की बजाय पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले जुल्मों-सितम और जबरन धर्मपरिवर्तन बोलें।

कर्नाटक से बीजेपी सांसद शोभा ने कहा, “नोबेल पुरस्कार विजेता से मेरा विनम्र निवेदन है कि वह अपना कुछ वक्त पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के लिए भी दें। अपने खुद के देश में अल्पसंख्यक बच्चियों के उत्पीड़न और जबरन धर्ममांतरण के खिलाफ भी आवाज बुलंद करें। कश्मीर में डेवलपमेंट के एजेंडे को विस्तार दिया गया है। यहां किसी को दबाया नहीं जा रहा है।

इससे पहले मलाला यूसुफजई घाटी में तनाव भरे हालात के बीच संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर में शांति लाने और बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने में मदद करने की दिशा में काम करने की अपील की। यूसुफजई ने कहा, ‘‘ मैं यूएनजीए के नेताओं और अन्य से कश्मीर में शांति लाने की दिशा में काम करने, कश्मीरियों की आवाज सुनने और बच्चे स्कूलों की ओर लौट सकें, इसमें मदद करने का अनुरोध कर रही हूं।’’ 22 साल की मलाला ने कहा कि वह उन रिपोर्टों से चिंतित हैं जिनमें कहा गया है कि 40 दिन से ज्यादा वक्त से बच्चे स्कूल नहीं जा सके हैं,लड़कियां घर से निकलने में डर रही हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मैं कश्मीर में रहने वाली लड़कियों से अभी सीधे बातचीत करना चाहती हूं। कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदियों की वजह से लोगों की कहानियां जानने के लिए बहुत से लोगों को काफी काम करना पड़ा। कश्मीरी दुनिया से कटे हुए हैं और वह अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं। कश्मीर को बोलने दो।”

जनसत्ता

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