कमलेश तिवारी हत्याकांड में आईएसआईएस का हाथ ? मोडस आपरेन्डी से तो यही संकेत मिल रहा

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अनिता चौधरी
राजनीतिक संपादक

उत्तरप्रदेश हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष और हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड की परतें धीरे धीरे खुलती नज़र आ रही हैं । इस हत्या के पीछे आतंकी संगठन आईएसआईएस की बू आ रही है। एसआईटी गठित कर दी गयी है। पुलिस लगातार जांच में लगी है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उस हत्या से सकते में हैं और पल पल की रिपोर्ट पर नज़र बनाये हुए हैं । पुलिस का कहना है कि तफ्तीश में काफी कुछ सामने आ गया है और 48 घंटे के अंदर हत्यारों को पकड़ लिया जाएगा ।

हालांकि जब उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा इस घटना के बाद कमलेश तिवारी के घर पहुँचे तो घरवालों सहित समर्थकों और कमलेश तिवारी को चाहने वालों ने उनका जम कर विरोध किया ,मुर्दाबाद के नारे लगाए और घर इन घुसने नहीं दिया । इस बीच रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने कमलेश तिवारी हत्याकांड पर यूपी के डीजीपी और डीएम से बात की। राजनाथ सिंह ने इनसे फोन पर बात करते हुए उन्हें बिना देर किए आरोपियों को पकड़ने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

बता दें कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई । घटना शुक्रवार दोपहर की है । हमलावरों ने पहले कमलेश तिवारी का गला रेता फिर शरीर और चेहरे पर कई जगहों पर चाकू से गोद और फिर गोली मारकर फरार हो गए । चौंकाने वाली बात ये है कि इस वारदात को कमलेश तिवारी के दफ्तर में ही अंजाम दिया गया । आरोपियों का एक ही चश्मदीद है कमलेश तिवारी का नौकर । इस नौकर ने जब गेरुआ कुर्ता पहने दोनो आरोपी आये थे तो उसने उनको पानी भी पिलाया था और चाय भी।

हत्यारों के कहने पर वह गोल्ड फ्लैक सिगरेट भी खरीद कर लाया था। हत्यारो ने इसके लिए नौकर को सौ का नोट दिया था और छुट्टा पैसा अपने पास रखने को कहा पर नौकर ने इनकार कर दिया। नौकर ने उनको दही बड़ा भी खिलाया था।

उस नौकर के मुताबिक हत्या के पहल कमलेश तिवारी ने उसे पान मसाला लाने के लिए बाहर भेजा था। हत्यारे इसी ताक मे थे। जब वो वापस आया तो वो लोग फरार थे और कमलेश तिवारी जमीन पर पड़े थे। अभी तक जो बातें खुल कर सामने आई है उसजे मुताबिक ये लोग किसी मुस्लिम लड़की से अपनी शादी की बात को लेकर आये थे और कमलेश तिवारी से मदद मांग रहे थे। ये हत्यारे मिठाई के डब्बे में हथियार छुपा कर लाये थे। वो मिठाई का डब्बा सूरत का था जिसे 16 अकटूबर को खरीदा गया था । हत्यारो ने कमलेश तिवारी से उनके घर मे ही बने दफ्तर में ही मुलाकात की। उनके साथ चाय पीने के बाद वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए।

गौरतलब है कि कमलेश आईएसआईएस के निशाने पर थे। संगठन के आतंकी उबैद मिर्जा और कासिम सिंबरवाला ने कमलेश तिवारी को मार डालने की बात कही थी। दोनों आतंकियों को एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड ने 24 अक्तूबर 2017 को गुजरात में गिरफ्तार किया था। तब इन्होंने अपने बयान में कमलेश तिवारी का ज़िक्र किया था और कहा था कि उनके हैंडलर ने वीडियो दिखा कर कहा था कि इसे मारना है । गुजरात एटीएस ने अपनी चार्जशीट में इस बात का जिक्र भी किया था। चार्जशीट के मुताबिक आतंकियों ने कमलेश तिवारी का एक वीडियो दिखाते हुए कहा था कि उसको मार डालना है।

लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि किसी युवती की गैर मजहब में शादी को लेकर कुछ झगड़े की बात सामने आ रही है। इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर भी पड़ताल की जा रही है।

कमलेश तिवारी अपने विवादित बयानों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहे । पैगम्बर मोहम्मद साहब के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी से धार्मिक भावना भड़काने और पोस्टर चस्पा करने के मामले में कमलेश तिवारी के खिलाफ 9 दिसंबर 2015 पर रासुका भी लगायी गयी थी । तब उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। लेकिन बाद में रासुका हटा ली गयी थी ।

बता दें, कमलेश तिवारी उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की थी. हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी ने दिसंबर, 2015 में पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ विवादित बयान दिया था. इसे लेकर काफी हंगामा हुआ था, विवादित बयान के लिए कमलेश तिवारी की गिरफ्तारी भी हुई थी. वह फिलहाल जमानत पर रिहा चल रहे थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अभी हाल ही में कमलेश तिवारी पर लगा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हटा दिया था।

हत्याकांड पर क्या बोल रही है पुलिस ?

लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया, ‘मौके से एक असलहा बरामद हुआ है. शुरूआती तौर पर व्यक्तिगत रंजिश की बात लग रही है. यहां पर हमलावर उनसे मिलने आए थे. जिस तरह से उनका आना हुआ, ऐसा लग रहा है कि हमलावर मृतक के परिचित थे.चाय पीने के बाद घटना हुई है. किसी परिचित के द्वारा रंजिश में घटना को अंजाम देने की संभावना जताई जा रही है। ‘

फिलहाल, पुलिस इस हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए जांच में जुटी है. पुलिस टीम सेल फोन की डिटेल खंगालने के साथ ही सर्विलांस की मदद से आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
सीसीटीवी फुटेज मे दोनो आरोपियों को देखा गया। कुर्ते के साथ दोनो काली पैण्ट पहने थे।
मृतक की पत्नी ने मुफ्ती नसीम काजमी , मौलाना अनवारुल हक का भी नाम एफ आई आर मे बतौर साजिश कर्ता लिखाया है। ये दोनो मौलाना बिजनौर के है।
बताया जाता है ये भाईचारे और शान्ति के मसीहा कमलेश की पैगम्बर साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी से इतने खफा थे कि इन दोनो ने उसका गला काट कर लाने वाले पर इनाम घोषित किया था। मारने की मोडस आपरेन्डी भी यही इशारा कर रही है कि काले कपड़े वाले आईएसआईएस के आतंकी भी इसी तरह गला रेत कर हत्या करते हैं।

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