भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने राज्य में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना’ के तहत अब 51,000 रुपये की अनुदान राशि देने का फैसला किया है। पहले इस योजना के तहत 28 हजार रुपए की राशि दी जाती थी। यह तो खुशखबरी है। मगर दिमाग का दिवालियापन देखिए कि इस अजीबोगरीब फरमान मे एक ऐसी शर्त भी रख दी है कि राशि लेने के लिए शायद ही कोई नवविवाहित युगल प्री-वेडिंग फोटो को याद रखना चाहे। शर्त यह है कि शौचालयों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए होने वाले दूल्हों को अपने घर में बने टॉयलेट में खड़े होकर फोटो खिंचाना है वरना दुलहन को मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकास योजना के तहत 51 हजार रुपये की राशि नहीं मिल सकेगी।
दूल्हे को टॉयलेट में खड़े होकर भेजनी होगी सेल्फी
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के आवेदन फॉर्म में शर्त है कि दुल्हन के होने वाले पति के घर में टॉयलेट होना अनिवार्य है। इसके चलते सरकारी अधिकारी कहीं भी टॉयलेट चेक करने नहीं जा रहे हैं। वे दूल्हे से डिमांड करते हैं कि वह टॉयलेट में खींची गई एक स्टैंडिंग सेल्फी उन्हें भेजे। बताया जा रहा है कि टॉयलेट में खड़े होकर फोटो खिंचवाने में दूल्हों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। यह शर्त सिर्फ ग्रामीण इलाकों में ही सीमित नहीं है। प्रदेश की राजधानी भोपाल के नगर निगम के अधिकारी भी दूल्हों से यही माँग कर रहे हैं।
एक दूल्हे ने यूं बंया किया दर्द
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में रहने वाले एक युवक ने नाम छिपाने की शर्त पर बताया, ‘‘सोचिए कि मैरिज सर्टिफिकेट पर दूल्हे का ऐसा फोटोग्राफ लगेगा, जिसमें वह टॉयलेट के अंदर खड़ा है। मुझे यह भी बताया गया है कि काजी तब तक निकाह नहीं पढ़ेगा, जब तक मैं उसे ऐसा फोटो नहीं दे दूंगा।” बता दें कि यह युवक उन 74 दूल्हों में शामिल था, जो गुरुवार (10 अक्टूबर) को भोपाल की सेंट्रल लाइब्रेरी में सामूहिक विवाह करने जा रहे हैं।
कन्या के खाते में जमा होंगे 48 हजार रुपये
इस राशि में से सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजन के लिए अधिकृत निकायों को हर कन्या के विवाह हेतु 3 हजार रुपये की राशि दी जाएगी, जबकि शेष 48 हजार रुपये की राशि कन्या के बचत खाते में ट्रांसफर होगी। जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार के फैसले के मुताबिक, आदिवासी अंचलों में जनजातियों में प्रचलित विवाह प्रथा के तहत होने वाले एकल या सामूहिक विवाह को भी कन्या विवाह सहायता की राशि दी जाएगी।
पहले यह था नियम
बीएमसी के योजना प्रभारी सीबी मिश्रा ने बताया है कि पहले शादी के 30 दिन के अंदर टॉयलेट बनवाने की छूट थी जिसे अब खत्म कर दिया गया है। उनका कहना है कि टॉयलेट में खड़े दूल्हे का फोटा लगाना कोई गलत बात नहीं है। यह शादी के कार्ड का हिस्सा तो नहीं है। वहीं, बीएमसी कॉर्पोरेटर और स्थानीय कांग्रेस नेता रफीक कुरैशी ने कहा है कि यह बात समझ में आती है कि टॉयलेट स्वच्छ भारत मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं लेकिन इस प्रक्रिया को बेहतर किया जा सकता है।
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