कदमों तले आसमान है, ये हौसलों की उड़ान हैं! एक हिन्दी सीरियल का ये गाना काशी की एक बेटी पर बड़ा मौजू हैं। किन्नरों के जीवन की समस्याओं और उनकी पीड़ा को अपने धारदार लेखनी के माध्यम से उठाने वाली काशी की बेटी पायल लक्ष्मी सोनी को लखनऊ में एक साथ पांच समाजसेवी संस्थाओं ने सम्मान से नवाजा हैं। पंडित बृजमोहन अवस्थी के 83वें जन्मदिवस पर कामायनी संस्था, समर्पयामि फाउंडेशन और पंडित बृजमोहन सुस्मृति संस्थान की ओर से ‘अथ किन्नर कथा संवाद’ का आयोजन किया गया था। इसमें किन्नरों पर शोध कर रहे 40 शोधार्थी और 40 विद्वानों ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राकेश शुक्ला रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात अभिनेत्री गीतिका वेदिका ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में उपन्यासकार महेंद्र भीष्म, शिखा सिंह, नील सिंह व पायल सिंह का विशेष सहयोग रहा।
सरकार दे किन्नरों को मंगलमुखी नाम से दर्जा
संगोष्ठी में सभा को संबोधित करते हुए समाजसेवी पायल लक्ष्मी सोनी ने कहा कि किन्नर समाज से जुड़े लोगों को ‘मंगलमुखी’ नाम से जाना जाए। सरकार उन्हें मंगलमुखी के नाम से दर्जा दे। पायल ने कहा कि किन्नरों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सबसे जरूरी है उन्हें शिक्षित किया जाए।
पायल ने उन माँ-बाप पर कटाक्ष किया जो अपने बच्चें के जननेद्रियों की विकलांगता के कारण उनसे दुर्व्यवहार करते और उस नवजात शिशु को अपने से दूर कर देते हैं। पायल कहती लोग कुत्ता तो पाल लेते है,पर स्वयं के जने को पालने में शर्मिंदगी होती है।
काशी की पायल लक्ष्मी सोनी वर्तमान समय में प्रमिला देवी मेमोरियल फाउंडेशन संस्था चला रही हैं। इसके अलावा पायल नमामि गंगे व गंगा विचार मंच की सहसंयोजिका व राष्ट्र सेविका समिति की महानगर बौद्धिक प्रमुख भी हैं।