बतौर केन्द्र शासित प्रदेश कश्मीर की आज की सुबह पुर सुकून थी

इस्लामाबाद में फजलुर रहमान के आह्वान पर आजादी मार्च में शामिल जनसैलाब जहाँ इमरान को कोस रहा था वहीं पाकिस्‍तानी पीएम पीओके के गिलगित बाल्टिस्तान में पुराना राग अलापते हुए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की ऐसी तैसी करने में लगे थे। अपनी तकरीर में वह यह कहते हुए झूठ का पुलिन्दा खोल रहे थे कि कश्मीर मे मोदी ने पाच अगस्त को अंतिम पत्ता खेल दिया है। उसकी वहां मौजूद नौ लाख फौज हमारे कश्मीरी भाई, बहनों, बच्चों पर जुल्म ढा रही है। वहां तीन महीने से कर्फ्यू लगा हुआ है। जब वह हटेगा कश्मीरी अवाम और भी शिद्दत से आजादी हासिल करने के लिए सड़क पर निकल पङेगी।

इस गैर जिम्मेदार शख्स को यह भी नहीं पता कि कश्मीर में पाबंदिया कब की खत्म हो चुकी हैं । केन्द्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर की आज की सुबह पुर सुकून रही। लाल चौक गुलजार रहा। दुकानें खुली हूई थीं । सड़क पर चहल पहल थी। ईदगाह मैदान स्थित फुटबाल अकादमी में सैकड़ों की तादात में बच्चे राष्ट्रीय खिलाड़ियों की देख रेख में खेलते नजर आए।

कभी सबसे अशान्त समझे जाने वाले लाल चौक में आज महज इक्का दुक्का पुलिस कर्मी ही मौजूद थे। लोग जम कर खरीदारी करते दिखे। समाचार लिखे जाने के समय तक कश्मीर में कहीं भी अशान्ति की कोई खबर नही मिली।

उधर पाकिस्तान में अब कश्मीर कोई मुद्दा नही रह गया है। एक नामी कंपनी के सर्वे मे कश्मीर सिर्फ आठ प्रतिशत लोगों के लिए मुद्दा है जबकि 53 प्रतिशत जनता महंगाई से परेशान है। मगर इमरान किस मुगालते में हैं , यह उनका खुदा ही जानता होगा।

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